क्योलड़िया/ बरेली। यहां पुलिस ने कारिस्तानी ही ऐसी की है कि उसका जवाब देेेेने मेंं अफसर भी बगले झांक रहे हैं। कस्टडी से किसान की बेटी अगवा हुई और पुलिस ने उसे बरामद भी कर लिया गया था मगर इसके बाद जो खेल हुआ, वह पूरेे सिस्टम पर दाग लगाने वाला है। पुलिस ने लड़की को महिला थाने में रखने की जगह नाबालिग को किडनैपर के ही हवाले कर दिया। लड़की कैसे गायब हुुुई, इसका जवाब किसी के पास नहीं। थाना प्रभारी और जांच अधिकारी एक दूूूूूसरे की ओर उंंगली दिखा रहे हैं।और आला अधिकारी ऐसे कि कार्रवाई की जगह जांच-जांच खेल रहे हैं। परेशान पिता थाने से बरेली जिला मुख्यालय तक भटक रहा है और बेटी की बरामदगी की मांग कर रहा है। थाने पर धरना देने तक की धमकी दे रहा है मगर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।
पुलिस कस्टडी से किसान की बेटी गायब होने के मामले की जांच में पुलिस अधिकारी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह और महिला सिपाही सलोनी के बीच बातचीत का ऑडियो वॉयरल होने के बाद मामले में कई दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लड़की के गायब होने का राज थाना प्रभारी के साथ विवेचनाधिकारी सत्यपाल सिंह और महिला कांस्टेबल सलोनी के बीच छिपा है, यह जानते हुए भी अफसर मौन हैं। रविवार को एसओ थाने से छुट्टी लेकर ही चले गये हैं। यह जानकारी भी सामनेे आई है कि किशोरी के कथित किडनैपर और थाना प्रभारी के बीच कई बार मोबाइल पर बात हुई थी।
जवाब कौन देगा : थाने की जगह किशोरी प्राइवेट रूम में क्यो रखीं
आरोप है कि एसओ सुरेन्द्र सिंह ने ही नियमों को ताक पर रखकर किशोरी को महिला थाने में रखने के वजाय बरेली में किराये के कमरे पर रखवाया। किशोरी के गायब होने पर एसएसपी ने मामले की जांच सीओ फरीदपुर को सौंपी है। अब थानेवाले अपनी-अपनी गर्दन बचाने के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं। एसओ और विवेचक इस मामले का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। वहीं, महिला सिपाही खुद को बेकसूर बता रही है। विवेचक किशोरी को गायब कराने में एसओ की भूमिका बता रहे हैं। किशोरी के पिता ने किशोरी के जल्द बरामद नहीं होने पर थाने गेट पर धरना देने की धमकी दी है। चर्चा तो ये भी है कि एसओ अधिकारियों की फटकार के बाद किशोरी की बरामदगी को लेकर छुट्टी पर गये हैं। हालांकि एसओ ने पत्नी के कोरोना पॉजिटव की बात सभी से कही है।
उलझती ही जा रही किसान की बेटी के गायब होने की कहानी
क्योलड़िया क्षेत्र के एक गांव के किसान की बेटी के गायब होने के बाद यह जानकारी सामने आई थी कि उसका बहला-फुसलाकर एक झोलाछाप उसे अगवा कर ले गया है। घटना 20 जुलाई की थी। पिता ने थाने में शिकायत की मगर उसकी ओर आरोपी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट नहीं लिखी गई। फिर पुलिस ने लड़की को खोज लिया और उसे महिला थाने की जगह प्राइवेट रूम में ही रुकवा दिया। अचानक किशोरी के गायब होने से पुलिस बेनकाब हो गई। अब रोज नए खुलासे हो रहे हैं मगर गायब किशोरी का कुछ पता नहीं लग रहा। एसओ सुरेंद्र सिंह यह कहते सुुुुने जा रहे हैं कि वायरल ऑडियो मेें बातचीत के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें विवेचक झूठा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। जांच के बाद सब सच सामने आ जायेगा। एसओ के आरोपों पर विवेचक सत्यपाल कह रहे हैं कि ऑडियो वायरल में उनका कोई रोल नहीं है। किशोरी के गायब होने में भी उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन पर वेवजह एसओ आरोप लगा रहे हैं। वह तो खुद किशोरी की बरामदी के प्रयास में जुटे हैं।
खबरची/ शकील अंसारी