बरेली। रामगंगा नदी के मुहाने पर बसे क्यारा गांव में कोहराम मचा है। यहां हर दूसरे दिन एक अर्थी उठ रही है। पंचायत चुनाव के बाद से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। मारे गए लोगों में कुछ को कोरोना घोषित हो चुका था, जबकि बाकी मृतकों के बारे में हैल्थ अधिकारी भी कुछ नहीं बोल पा रहे। एक दिन पहले आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप गांव के दौरे पर गए थे। जिले के सीएमओ भी मौके पर पहुंचे थे और अपनी मौजूदगी में हैल्थ टीमों से गांववालों की कोरोना जांच कराई थी। गांव के हालात फिर भी नहीं सुधरे और कुछ घंटा पहले एक और नौजवान की मौत हो गई।
देखें क्यारा की ग्राउंड रिपोर्ट https://youtu.be/lDh_Kj4xXVk
धर्मवीर मिश्रा की उम्र महज 35 साल थी। वर्षों पहले क्यारा गांव में शादी-ब्याह और पूजा-पाठ को कोई पंडित नहीं थे, तो गांववालों ने शाहजहांपुर से धर्मवीर पंडित को अपने गांव बुला लिया था और यही उनके रहने-बसने का इंतजाम कर दिया था। क्यारा के पूर्व प्रधान ठाकुर सर्वेश्वर सिंंह ने टीम खबरची को बताया कि धर्मवीर पंडित को अचानक उल्टी हुई और इसके बाद उनकी सांस फूलने लगी।
पत्नी-बच्चे जब तक कुछ समझ पाते, उनकी मौत हो गई। इस तरह से गांव में अब तक एक दर्जन से अधिक लोग कुछ ही समय में मौत के मुंह में समा चुके हैं। कुछ दिन पहले इसी तरह से शिक्षामित्र अनिल सिंंह की भी जान चली गई थी। धर्मवीर की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर में पत्नी और बच्चों के अलावा कोई ऐसा नहीं, जो दो वक्त की रोटी का भी इंतजाम कर सके।
क्यारा गांव की आबादी करीब साढ़े पांच हजार है। गांव में ज्यादातर मेहनतकश किसान और मजदूर रहते हैं। गांववालों ने टीम खबरची को बताया कि पंचायत चुनाव के बाद अचानक घर-घर लोग बीमार होना शुरू हो गए। किसी को बुखार तो किसी को गले में दर्द और खांसी की शिकायत हुई थी। पूरे देश में तब तक कोरोना टू का संक्रमण पैर पसार चुका था, इसलिए क्यारा गांव के लोेगों में भी महामारी की दहशत फैली। जो सक्षम थे, उन्होंने बरेली जाकर अपनी कोरोना जांच कराई। कई की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो कई की नेगेटिव।
क्यारा गांव में एक के बाद एक लोगों की मौत होने से घर-घर दहशत है। गांव में तीन लोेग अभी कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा लोग और भी बीमार हैं। बीमार लोेगों में ज्यादातर को बुखार, गले में दर्द, खांसी जैसी शिकायतें हैं। मीडिया में क्यारा गांव की रिपोर्ट आने के बाद एक दिन पहले क्षेत्रीय आंवला सांसद धर्मेन्द्र कश्यप मौके पर पहुंचे थे। गांववालों ने बीमार लोगों को इलाज नहीं मिलने और कोरोना जांच में गड़बड़ी की शिकायतें कीं तो सांसद ने बरेली मुख्यालय फोन कर सीएमओ डाॅॅ. सुधीर गर्ग को क्यारा बुला लिया था। इसके बाद स्वास्थ्य टीमों ने कैंप लगाकर संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कीं। मरीजों को इलाज नहीं मिलने और लगातार मौतें होने को लेकर पुलिस के सामने ही गांववालों की सीएमओ से कहासुनी भी हुई थी। सांसद ने लोगों को भरोसा दिया था कि हर मरीज का प्रभावी तरीके से इलाज होगा। उन्होंने गांव में मास्क व दूसरी जरूरी चीजें भी बंटवाई थी।
क्यारा बरेली का अकेला गांव नहीं है, जहां कोरोना महामारी के बीच मौतों का सिलसिला देखने को मिल रहा है। इस एक गांव में मौतों का आंकड़ा तो अब तक 20 से अधिक पहुंच चुका है। इसमें 14 लोगों की जान चुनाव के बाद गई है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी देहात में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने को लगातार अपील कर रहे हैं। प्रशासन भी जुटा है मगर गांव-गांव हालात गंभीर नजर आ रहे हैं।
सीएमओ से बोले सांसद कश्यप, मरीजों का बेहतर इलाज कराएं
क्यारा पहुंचकर सांसद आंवला धर्मेन्द्र कश्यप ने सीएमओ को न सिर्फ मौके पर बुलाया, बल्कि उनको हर मरीज का बेहतर तरीके से इलाज सुनिश्चत करने को भी कहा। सांसद ने रहस्यमय तरीके से हो रहीं मौतों के बारे में गांववालों से जानकारी ली। इस दौरान सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने भी अपनी कोविड जांच करायी। जिसमे एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई। सांसद ने गांव के लोगों से जब लोगों की रहस्यमय मौत को लेकर सवाल किए। गांववालों का कहना था कि स्वास्थ्य केंद्र पर मूलभूत सुविधाए नही है। सांसद ने सीएमओ को निर्देश दिए कि गांव के प्रत्येक परिवार के सदस्य की कोविड जांच की जाए। सांसद ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्यारा मे मरीजों की भर्ती करने की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
खबरची ब्यूरो, बरेली
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