लखनऊ। पूरब से पश्चिम तक फाल्गुनी फिजां में तैरते होली के सुरीले गीत कौन नहीं सुनना चाहता। आधुनिकता की आंधी के बीच मशहूर गायिका शुचिता पांडेय अपनी गीतमाला से सांस्कृतिक विरासत और गीतों की त्यौहारी परंपरा को सहेजने का बड़ा काम कर रही हैं। मौसम अभी रंगोत्सव का है, तो ऐसे में शुचिता पांडेय के होली गीत सोशल मीडिया पर जमकर धूम मचा रहे हैं। उनकी आवाज का जादूूूू ही ऐसा है कि कोई भी उन्हें एक बार सुनकर बार-बार सुनेे बिना नहीं रह सकता।
कर्णप्रिय आवाज में सुनें गायिका शुचिता पांडेय की गीतमाला
शुचिता पांडेय इंदिरानगर, लखनऊ के मयूर रेजिडेंसी विस्तार में रहती हैं और बाराबंकी में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक मनोज पांडेय की पत्नी हैं। पिता राधेश्याम तिवारी यूपी के रिटायर्ड आईपीएस हैं। पुलिस परिवार से ताल्लुक रखने वालीं शुचिता को शुरू से गायन का शौक रहा है।
लखनऊ विश्वविद्यालय सेे स्नाताकोत्तर एवं भतखंडे संगीत महाविद्यालय लखनऊ से संगीत शिक्षा हासिल कर चुकीं शुचिता पांडेय को गायन की शास्त्रीय विधा के साथ सूफी, बॉलीबुड, भजन, गजल गायिकी को लेकर यूपी रत्न एवं अवध गौरव सम्मान भी मिल चुका है। डीडीयूपी, दूरदर्शन केन्द्र लखनऊ पर वह प्रस्तुति का सबको इंतजार रहता है
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क्योंकि अभी रंगों के त्यौहार होली के अवसर पर शुचिता पांडेय की फाग व गीत श्रंखला ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। यूट़यूब पर बड़ी संख्या में लोग शुचिता पांडेय के गीतों को सुन रहे हैं और होली की गीत-संगीत परंपरा में डूबकर त्यौहार मना रहे हैं।
खबरची/ अनुरोध भारद्वाज-अचल प्रताप सिंह