बरेली। हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने वहां जा रहे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को दिल्ली-नोएडा बार्डर पर हिरासत में लिए जाने का बरेली के कांग्रेसियों ने जोरदार विरोध किया। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया। यह बात अलग है कि आपसी गुटबंदी का शिकार बरेली कांग्रेस सरकार विरोधी प्रदर्शन में 10-20 लोग ही जुटा सकी। पार्टी संगठन के लिए यह बड़ी मायूसी की बात है।
पुलिस के बर्ताव के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला के नेतृत्व में चौकी चौराहे पर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अजय शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में जंगलराज जैसे हालात हैैं। प्रदेश में रोजाना बलात्कार व हत्या की खबरे आ रही हैं। योगी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और यूूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को जिस तरह हाथरस रेप कांड के पीड़ित परिवार से मिलने से रोका गया और वहां जाते समय नोएडा बार्डर पर हिरासत में लिया गया, वह सरकार के तानाशाही का परिचायक है। सरकार कुछ भी कर ले मगर कांग्रेस संघर्ष से पीछे नहीं हटेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाकर रहेगी।
कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रेम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि योगी सरकार लगातार पीड़ित परिवार पर दवाब बना रही है। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में 2022 में इस महिला व दलित विरोधी सरकार को उखाड़ फेकेंगे। नवाब मुजाहिद हसन खां ने कहा कि जिस प्रकार से पीडिता को न्याय दिलाने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने दुर्व्यवहार किया है, इसेे भुलाया नहीं जा सकता।
भाजपा सरकार का पुतला फूंकने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता चौकी चौराहे पर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से रामदेव पांडेय, मोनू पांडेय, विष्णु शर्मा, नीतू शर्मा, प्रभातगिरी गोस्वामी, सौरभ राठी, बिलाल कुरैशी, पारस शुक्ला, अवनीश चौबे, हर्ष बिसारिया, फरहान अली, कादिर खान, सकलैन पठान, दिनेश गोला, निखिल कुमार, अकरम सैफी, रविन्द्र मिश्रा आदि कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हौसले बरकार मगर बरेली में कांग्रेस को फिलहाल भीड़ दरकार
यूपी में सरकार से कई दशक का वनवास और संगठन में आपसी भितरघात, गुटबंदी, जमीनी आधार खाेे चुके बड़ेे नेताओं के मन में बैठे फिजूल अहंकार की सताई कांग्रेस सरकार विरोधी प्रदर्शन में हर बार भीड़ की वजह से मात खा रही है। पिछले दिनों जहां समाजवादी पार्टी के सरकार विरोधी प्रदर्शन में भारी भीड़ उमड़ी थी, वहीं बरेली कांग्रेस के किसी प्रदर्शन में बहुत जतन के बाद भी प्रदर्शनकारियों की संख्या 10-20-30 से ऊपर पहुंचती नहीं दिखी। गुरुवार को दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर राहुल-प्रियंका को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ कांग्रेसियों ने बरेली में विरोध प्रदर्शन तो किया मगर संख्या कम होने से सब कुछ औपचारिकता में सिमट गया। नए-नए महानगर अध्यक्ष बने खांटी कांग्रेसी अजय शुक्ला बहुत कोशिश के बाद भी बमुश्किल 10-20 प्रदर्शनकारी ही जुटा सके। खुफिया विभाग भी कांग्रेसियों पर नजर रखे था। ऐसे में जब कांग्रेस के सरकारी विरोधी प्रदर्शन में भीड़ ही नहीं जुटी तो प्रशासन-पुलिस को टेंशन किस बात की थी। कांग्रेसियों ने पुतला और फूंका और वापस हो लिए। पुलिस नो टेंशन की मुद्रा में खड़ी रह गई।
खबरची/ अमित शर्मा-अजय शर्मा